नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के तहत गुस्से की वजह बनी रेलवे ने अपनी भूमि पर झुग्गी बस्तियों के लोगों को हरित पैनल के आदेश के बावजूद फ्लैट आवंटित कर उनका पुनर्वास न करने का ठीकरा दिल्ली सरकार पर मढ़ा है। रेलवे ने दिल्ली सरकार और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड पर असहयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि झुग्गी बस्तियों के लोगों का पुनर्वास ही पटरियों के आसपास सफाई बनाये रखने का ‘‘स्थायी समाधान’’ है।
न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ के समक्ष रेलवे ने एक आवेदन दाखिल कर आरोप लगाया है कि छह में से पांच झुग्गी बस्तियों के सर्वेक्षण के बावजूद डीयूएसआईबी ने रेलवे की जमीन पर रहने वाले लोगों का पुनर्वास नहीं किया है।
एनजीटी ने दो दिन पहले रेलवे को पटरियों के आसपास शौच करने और अपशिष्ट पदार्थ फेंकने वालों पर 5,000 रूपये का जुर्माना लगाने और उनके
खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।