नई दिल्ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह तीन अगस्त से इस्लामाबाद में शुरू हो रहे दक्षेस के दो दिवसीय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान सीमा पर आतंकवाद को पाकिस्तान की ओर से लगातार मिल रहे समर्थन का मुद्दा उठाएंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उम्मीद है कि सिंह पाकिस्तान से कड़े शब्दों में भारत में आतंकवादी कृत्यों को प्रोत्साहन देना बंद करने को कहेंगे। सिंह दक्षेस के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
पठानकोट में दो जनवरी को आतंकवादी हमले के बाद किसी वरिष्ठ भारतीय नेता की यह पहली यात्रा होगी। इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हुआ था।
गृह मंत्री अपने समकक्ष चौधरी निसार अहमद और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ अपनी अलग-अलग बैठकों के दौरान पाकिस्तान के सरकारी और सरकार से इतर तत्वों के जम्मू कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने का दस्तावेजी सबूत प्रदान कर सकते हैं।
हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी को हाल में शरीफ ने ‘शहीद’ बताते हुए कहा था कि कश्मीर एक दिन पाकिस्तान का हिस्सा बन जाएगा। इसपर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कयामत के आने तक भी कश्मीर के पाकिस्तान का हिस्सा बनने का उनका सपना पूरा नहीं होगा।
सूत्रों ने बताया कि सिंह पठानकोट हवाई ठिकाने पर आतंकवादी हमले की धीमी जांच और मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के मामले में मुकदमे की धीमी रफ्तार का मुद्दा भी उठाएंगे। पठानकोट हवाई ठिकाने पर हमले को पाकिस्तान से गतिविधियां चला रहे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था।