बाद में हुए प्लेनरी सेशन में भी मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। मोदी ने कहा कि वर्तमान हालात में आतंकवाद का स्वरूप और खतरनाक हो चला है और इसका साया विकास पर भी पड़ा है। इसकी वजह से विकास और आर्थिक तरक्की को नुकसान पहुंचा है। मोदी ने कहा, ‘सुरक्षा और काउंटर टेररिजम के क्षेत्र में आपसी सहयोग आवश्यक है अगर हमें अपने नागरिकों की जान बचानी है।
आतंकवाद के खिलाफ हमें अकेले और मिलकर कदम उठाने की जरूरत है। आतंकियों और आतंकी संगठनों को लेकर सिलेक्टिव रवैया न केवल निरर्थक है, बल्कि नुकसानदायक है।’ मोदी ने आतंकवादियों की फंडिंग, उनको मिलने वाले राजनीतिक सपोर्ट पर भी चिंता जताई और इस पर लगाम कसे जाने की बात कही। साथ ही सिक्यॉरिटी के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच एनएसए लेवल के सहयोग और काउंटर टेररिजम से जुड़े कदम उठाने की वकालत की।
मोदी ने कहा कि BRICS शांति, बदलाव और उद्देश्यपूर्ण गतिविधि की दिशा में आवाज है। पीएम के मुताबिक, ब्रिक्स को साझीदार देशों को साझे हितों और उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। बता दें कि चीन आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को सीधे तौर पर कुछ कहने से बचता रहा है। वहीं, रूस ने हाल ही में पाक के साथ मिलिटरी अभ्यास किया, जिसके बाद भारत ने आपत्ति जताई थी। भारत की कोशिश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करना है। ऐसे में चीन और रूस का रुख इस दिशा में बड़ी मदद कर सकता है।