मैं लाककिले पर से बोल चुका हूं कि सभी सरकारों का अपना-अपना योगदान रहा है। लेकिन उस तरफ से बोलने वालों से कभी भी यह सुनने को नहीं मिला कि एक सावरकर भी थे, जिन्होंने कालापानी की सजा काटी थी। एक भगत सिंह , चंद्रशेखर भी थे। उन्हें लगता है कि आजादी एक परिवार ने दिलाई है। समस्या की जड़ वहां है।