उन्होंने आगे कहा, ‘अगर ऐसा होता है तो सिर्फ पाकिस्तान के लिए इसके परिणाम देखने को नहीं मिलेंगे बल्कि दूसरे गैर-परमाणु हथियार वाले देश भी परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के अपने अधिकार से वंचित होंगे।’ दूसरी तरफ पाकिस्तानी अधिकारी नॉन-एनपीटी देशों की सदस्यता के लिए कसौटी के सवाल पर मिल रहे समर्थन से खुश भी हैं।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि अब कई सारे देश इस बात को समझ रहे हैं कि एनएसजी में एंट्री के लिए कसौटी निर्धारण की जरूरत है, न कि किसी को नियमों से मुक्त रखने की। हालांकि उन्होंने माना है कि छोटे देशों पर दबाव बनाया जा रहा है। पाकिस्तानी भी एनएसजी में एंट्री के लिए दावेदारी जता रहा है।
पाकिस्तान एनएसजी में एंट्री के लिए एक सार्वभौमिक नियम तय करने के पक्ष में है। अमेरिका भारत की एंट्री के लिए कुछ कंडिशन को हटाने के पक्ष में है।