आज से ठीक एक साल पहले कोबरापस्ट ने ऑपरेशन ब्लैक रेन के नाम से एक इन्वेस्टिगेशन किया था। इस इन्वेस्टिगेशन में बिहार में हुए जातीय नरसंहारों के बारे में कई अहम खुलासे किए गए थे। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी पीड़ित लोंगो को इंसाफ नहीं मिला है। आरोपी अब भी आजाद घूम रहे हैं।
कोबारपोस्ट ने खुलासा किया था कि कैसे बिहार में कई नरसंहारों को अंजाम देने वाले ‘रणवीर सेना’ को भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री और एक पूर्व वित्त मंत्री का राजनीतिक संरक्षण हासिल था। इतना ही नहीं इनके द्वारा रणवीर सेना को पैसे और हथियारों से मदद देने की बात भी सामने आई थी। इस इन्वेस्टिगेशन में कोबरापोस्ट ने रणवीर सेना के छह कमांडरों से बातचीत की रिकॉर्डिंग थी। इस बातचीत में रणवीर सेना के इन कमांडरों ने 1995 से 1997 के दौरान 144 दलितों की हत्या में खुद के शामिल होने की बात कबूली थी।
इन छह में से दो को पटना हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। रणवीर सेना पर बिहार सरकार और केंद्र सरकार, दोनों ने ही प्रतिबंध लगा रखा है
देखिए रणवीर सेना के कमांडरों का कबूलनाम