प्रख्यात अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की आलोचना की है। अमर्त्य सेन ने इस फैसले को निरंकुश और विश्वास पर आधारित अर्थव्यवस्था की जड़ खोदने वाला बताया है।
अमर्त्य सेन ने एनडीटीवी से बातचीत करते हुए कहा, ‘यह (नोटबंदी) नोटों अनदेखी है, बैंक अकाउंट्स की अनदेखी है, विश्वास पर आधारित पूरी अर्थव्यवस्था की अनदेखी है। इस संदर्भ में यह एक निरंकुश फैसला है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी को लेकर उनकी यह तात्कालिक राय आर्थिक पहलू के लिहाज से है।
अमर्त्य सेन ने कहा कि यह विश्वास की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा, ‘पिछले 20 सालों में देश ने काफी तेजी से तरक्की की है। यह सबकुछ एक-दूसरे पर भरोसे का नतीजा है।’ इस तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई के जरिए और यह कहते हुए कि हमने वादा तो किया था लेकिन उसे पूरा नहीं करेंगे, आपने इसकी जड़ों पर चोट की है।’