प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोट को बंद करने का फैसला लिया था। तब हर कोई अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया देने में लग गया। लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा की इनका उपयोग एक बेहद जरूरी काम यानि बिजली बनाने में किया जा सकता है। चीन की तरह भारत भी नोटबंदी के बाद “कागज का टुकड़ा” रह गए नोटों का उपयोग बिजली उत्पादन में कर सकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने से देश में 2300 करोड़ नोट एक तरह से रद्दी बन गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इन नोटों को एक साथ लाया जाए, तो यह माउंट एवरेस्ट से 300 गुना ऊंचा ढेर बन जाएगा।
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमान है कि सरकार पुराने नोटों के लिए चीन का तरीका भी इस्तेमाल कर सकती है। दरअसल सेंट्रल चीन में स्थित एक कंपनी ने 2014 में पहली बार बेकार नोट जलाकर बिजली पैदा की थी। उस समय चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने बताया था, एक टन नोट के कागज से 660 किलोवॉट प्रतिघंटा के हिसाब से बिजली बनाई जा सकती है। इतना ही नहीं, कोयले की तुलना में इससे प्रदूषण भी काफी कम होता है।