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चीन के हेनान प्रांत में स्थित Luoyang शहर में इसका प्रोजेक्ट लगाया गया था। शिन्हुआ की रिपोर्ट में बताया गया था, हेनान के वर्तमान रद्दी पेपर मनी का हिसाब लगाया जाए तो इससे कंपनी हर साल 1.32 मिलियन किलोवाट बिजली पैदा कर सकती है। इतनी बिजली बनाने के लिए 4000 टन कोयला जलाना होगा। चीन में नवंबर 2015 में 100 युआन का नया नोट लाया गया था। जिसके बाद सरकार ने वहां बेकार हो चुकी करेंसी के जरिए बिजली बनाने का काम बड़े स्तर पर किया था।
यही तकनीक अगर भारत में इस्तेमाल कि जाए तो जो नोट अब रद्दी हो गए है उसे बिजली उत्पाद में सही ढ़ग से इस्तेमाल किया जा सकता है।
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