इस्लामाबाद : पाकिस्तान खुश है। आज हर हिंदुस्तानी पाकिस्तान से पूछ सकता है ‘आज खुश तो बहुत होगे तुम’? पाकिस्तान की खुशी की वजह है ये है कि कश्मीर मुद्दे पर सभी इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान के साथ सुर में सुर मिलाया है। 57 सदस्यों वाले ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) के महासचिव इयाद अमीन मदनी ने कहा है कि भारतीय कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन उसका आंतरिक मामला नहीं है। दुनिया में मुस्लिम देशों के सबसे बड़े संगठन ने कश्मीर में कथित रूप से मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की है। दक्षिणी कश्मीर में हिजबुल आंतकी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद से प्रदेश में हिसंक झड़पें जारी हैं। इन झड़पों में दर्जनों लोग मारे गए हैं।
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आतंकी बुरहान वानी के मारे के जाने बाद पाकिस्तान विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मसला उठा रहा है। इस मामले में यूएन में खास सफलता नहीं मिलने के बाद पाकिस्तान इसे अरब लीग के पास लेकर गया था। पाकिस्तान कोशिश कर रहा है कि कश्मीर को लेकर वह मुस्लिम देशों का समर्थन हासिल कर सके।मदनी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। मदनी ने कहा कि कश्मीर में स्थिति लगातार खराब हो रही है और इस पर इंटनेशनल कम्युनिटी को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या का समाधान राजनीतिक स्तर पर होना चाहिए।
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मदनी ने कहा कि इंटरनेशनल कम्युनिटी को भारत प्रशासित कश्मीर में क्रूरता का खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से भारत की कठोरता के खिलाफ बहुत कम आवाज सामने आ रही है।ओआईसी के महासचिव मदनी ने कहा, ‘कश्मीर की स्थिति जनंमत संग्रह की ओर बढ़ रही है। किसी को भी जनमत संग्रह से नहीं डरना चाहिए और यूनाइटेड नेशन के प्रस्तावों के मुताबिक कश्मीर के लोगों की आकांक्षा पूरी होनी चाहिए। कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन भारत का आंतरिक मुद्दा नहीं है।’
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