भाजपा सांसद उदित राज ने एकबार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि दुनिया के सबसे तेज धावक उसेन बोल्ट ने बीफ खाकर ओलंपिक में 9 गोल्ड मेडल जीते हैं। न्यूज चैनल सीएनएन-न्यूज 18 से उन्होंने कहा कि ‘हमेशा सरकार पर आरोप लगाना कि इस देश में सुविधा नहीं है। इसलिए मैंने ट्वीट किया था कि सुविधा के नाम पर ऐसा आरोप मढ़ना, ये बात खत्म की जानी चाहिए। डेडिकेशन (समर्पण) मैटर करता है। उसेन बोल्ट गरीब था, मगर उसमें डेडिकेशन था। उसके ट्रेनर ने कहा कि प्रोटीन का सोर्स कहीं भी हो, उसने वह सोर्स लेकर इतिहास रचा। हमारे यहां बार-बार खिलाड़ी कहते हैं कि हमारे यहां सुविधा नहीं है।
मैं यह कहना चाहता हूं कि जब डेडिकेशन रहेगा तो ऐसा मुश्किल नहीं है कि हम गोल्ड मेडल नहीं ला सकते। बीफ में हाई-प्रोटीन होता है। गरीब होते हुए भी जमैका, केन्या जैसे देशों के खिलाड़ी इतने ज्यादा गोल्ड मेडल जीतते हैं। इसलिए बार-बार यह बहाना बनाना कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, सरकार सुविधा नहीं देती। कभी न कभी सारे देश गरीब रहे, बैकवर्ड रहे, उन्होंने किया तो हमें भी इसी तरह करना चाहिए।”
उदित राज ने कहा, ”बीफ पर भाजपा की कोई लाइन नहीं है। जिसको जो मन हो, वो खाए। बीफ का मतलब व्यापक है। बीफ का मतलब मीट होता है। यह हमें बदनाम करने के लिए कहा गया है।” उदित के मुताबिक उन्होंने ट्वीट इस इरादे से किया कि अगर डेडिकेशन हो तो विजय प्राप्त की जा सकती है।” उदित के बयान पर विवाद मचा तो उन्होंने ट्विटर पर सफाई देते हुए लिखा है कि वे बीफ की वकालत नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ”मैं जमैका की परिस्थितियों का जिक्र किया कि घटिया इंफ्रास्ट्रक्चर और गरीबी के बावजूद बोल्ट ने 9 गोल्ड जीते, इसलिए हमारे खिलाड़ियों को भी जीत के लिए ऐसे ही रास्ते तलाशने होंगे। मैं खिलाड़ियों और समाज को यह कहना चाहता हूं कि वह परिस्थितियों और सरकार को दोष देने की बजाय जीतने के तरीके खोजें। जैसे उसेन बोल्ट और उसके ट्रेनर को जीत का रास्ता मिला, वैसे ही हमारे खिलाड़ियों और ट्रेनर्स को उनकी परिस्थितियों के अनुसार रास्ते खोजने चाहिए। मेरा ट्वीट बीफ के पक्ष में नहीं था, मैंने तो बोल्ट के ट्रेनर के बयान को अलग तरह से लिखा था।”