दिल्ली:
केंद्र सरकार ने यहां एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय के निर्माण के लिए एक वैश्विक डिजाइन प्रतियोगिता शुरू की है। इस प्रतियोगिता की शुरूआत 230,000 अमेरिकी डॉलर की कुल पुरस्कार राशि के साथ की गई है।
राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय भारतीय सशस्त्र बलों के उन सभी सैनिकों की याद में बनाया जाएगा जिन्होंने देश के लिए शहादत दी है।
इसमें वास्तुकला संबंधी सौंदर्य और जन संवेदना का मेल होगा और इसे एक ऐसी जगह के तौर पर विकसित किया जाएगा जहां लोग सैनिकों और राष्ट्र की सुरक्षा में किए गए उनके असाधारण प्रयासों के प्रति सम्मान व्यक्त करेंगे।
चयनित स्थल नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास होगा।
राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय भारत के युद्धों और संघषरें एवं शिक्षा एवं देशभक्ति को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक महत्व से जुड़ी चीजों के संग्रह, संरक्षण, व्याख्या और सैन्य साजोसामान की प्रदर्शनी करने वाला संस्थान होगा।
इस संग्रहालय के लिए चयनित स्थल इंडिया गेट के पास स्थित प्रिंसेस पार्क है।
स्मारक के लिए अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता और संग्रहालय के लिए वैश्विक वास्तुकला प्रतियोगिता ‘मायगव डॉट इन’ पोर्टल पर शुरू की गई है।
दोनों वैश्विक प्रतियोगिताएं दो चरणों में आयोजित की जा रही हैं। पहले चरण में प्रतियोगियों को अपनी ऑनलाइन प्रविष्टियां जमा करनी होगी। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के लिए प्रविष्टियां जमा करने की आखिरी तारीख दो अक्तूबर और राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय के लिए प्रविष्टियां जमा करने की आखिरी तारीख 15 अक्तूबर है। स्मारक के लिए पहले चरण में चयनित नौ प्रविष्टियों को दो-दो हजार अमेरिकी डॉलर और संग्रहालय के लिए चयनित नौ प्रविष्टियों को तीन-तीन हजार अमेरिकी डॉलर बतौर पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके बाद, ये शीर्ष नौ प्रविष्टि दूसरे चरण की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के पात्र होंगे । इसके लिए उन्हें 3डी मॉडल सहित विस्तृत डिजाइन जमा करना होगा और प्रबुद्ध जूरी के समक्ष अपनी डिजाइन की योजना पेश करनी होगी।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक प्रतियोगिता के लिए प्रथम पुरस्कार के तहत 30,000 अमेरिकी डॉलर और राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय के लिए प्रथम पुरस्कार के तहत 75,000 अमेरिकी डॉलर की राशि दी जाएगी ।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक प्रतियोगिता के लिए द्वितीय पुरस्कार के तहत 25,000 अमेरिकी डॉलर जबकि तृतीय पुरस्कार के लिए 20,000 अमेरिकी डॉलर और राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय के लिए द्वितीय पुरस्कार के तहत 50,000 अमेरिकी डॉलर जबकि तृतीय पुरस्कार के तहत 25,000 अमेरिकी डॉलर की धनराशि दी जाएगी ।
सरकार ने इस परियोजना के लिए 500 करोड़ रूपए मंजूर किए हैं । यह परियोजना पांच साल में पूरी की जानी है ।