दिल्ली:
जवाहार लाल यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारों में शामिल छात्र इस साल के छात्र संघ चुनाव में वोट नहीं डाल सकेगें। देशद्रोही नारों के विवाद में जिन 21 छात्रों को दोषी पाया गया है उनका नाम नौ सितंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव की मतदाता सूची से हटा दिया गया है।
जेएनयू छात्र संघ सदस्य रामा नागा ने बताया, ‘‘जेएनयू के चुनाव आयोग ने आज जब मतदाता सूची पेश की तब हमने पाया कि हमारे नाम सूची में शामिल नहीं हैं। मानक प्रावधान के मुताबिक हम प्रशासनिक अधिकारी के पास अपना नाम सूची में शामिल कराने गए। लेकिन हमें बताया गया कि उन्होंने हमारे नाम काट दिए हैं क्योंकि नौ फरवरी की घटना के सिलसिले में हमारे खिलाफ जुर्माना लंबित है।’’ उन्होंने बताया कि विवि प्रशासन पिछले छह महीने से अकादमिक गतिविधियों में बाधा पैदा कर रहा है। हमारे खिलाफ दंड का आदेश 23 अगस्त को जारी किया गया और हमें जुर्माना भरने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी गई जिसकी अवधि अभी समाप्त होनी बाकी है। इस फैसले के खिलाफ हमारे पास अदालत जाने का भी विकल्प है।
जेएनयू छात्र संघ के संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं। वह छात्र संघ में एबीवीपी के एकमात्र सदस्य हैं।
छात्र संघ चुनाव के लिए चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस विषय में उसकी कोई भूमिका नहीं है और संबद्ध छात्रों को अपने संबद्ध विभागों के प्रशासनिक अधिकारियों से मंजूरी लेने की जरूरत है ताकि सूची में वे अपना नाम शामिल करा सकें।
नव नियुक्त सीईसी इशिता मान ने बताया, ‘‘इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया है और मैं उसका पालन करने के लिए कानूनन बाध्य हूं। जब तक एओ मंजूरी नहीं देंगे तब तक मैं सूची में नाम नहीं शामिल कर सकती।’’ गौरतलब है कि अपीलीय प्राधिकार ने पिछले हफ्ते इन सभी छात्रों को अनुशासनहीनता का दोषी पाया था जबकि उनमें से कुछ पर लगाए जुर्माने की राशि घटा दी गई। प्राधिकार ने 21 छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई की थी।