नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार(18 सितंबर) को कहा कि उरी में नृशंस हमले में शहीद हुए 17 बहादुर सैनिकों का सर्वोच्च बलिदान बेकार नहीं जाएगा और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पर्रिकर ने श्रीनगर में अस्पताल जाकर घायल सैनिकों से भी मुलाकात की और अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ संभावित इलाज मुहैया करने को कहा। रक्षा सूत्रों ने बताया कि तीन से पांच सैनिकों को विमान से यहां आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल लाया गया है।
पर्रिकर ने ट्वीट किया कि ‘‘17 बहादुर सैनिकों का सर्वोच्च बलिदान बेकार नहीं जाएगा। मेरा उनको सलाम। उरी हमले के बाद सेना प्रमुख एवं कमांडरों के साथ कश्मीर में हालात की समीक्षा की। इसके लिए जिम्मेदार रहे लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया।’’
Reviewed situation in Kashmir following Uri attack with Army Chief & Commanders. Instructed to take firm action against those responsible.
— Manohar Parrikar (@manoharparrikar) September 18, 2016
इससे पहले दिन के वक्त पर्रिकर श्रीनगर पहुंचे। उन्हें उत्तरी सेना और चिनार कोर कमांडर के क्रमश: लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा और लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने श्रीनगर में हमले से जुड़ी और आतंकवादियों को काबू करने के लिए शुरू किए गए अभियान की जानकारी दी।
ब्रीफ्रिंग में आतंकवादियों के घुसने में कामयाब होने सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। रक्षा सूत्रों ने बताया कि सेना हमले का जवाब कैसे दे सकता है, इस बारे में भी संभावित कार्य योजना पर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई किए जाने के तरीके पर उच़्च स्तर पर फैसला किया जाएगा लेकिन यह अत्यधिक गोपनीय होगा।
पर्रिकर ने अतीत में कहा कि देश को नुकसान पहुंचाने वाले किसी व्यक्ति या संगठन को भी ऐसी हरकतों का दंश झेलना पड़ेगा। पर्रिकर को नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा ग्रिड के बारे में और अतिरिक्त बलों की तैनाती के बारे में भी जानकारी दी गई। नियंत्रण रेखा और आतंरिक क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने की जरूरत तथा किसी घटनाक्रम के लिए तैयार रहने पर भी जोर दिया गया।