रविवार (18 सितंबर) को जम्मू-कश्मीरके उरी में हुए आंतकी हमले में मारे गए 18 जवानों के परिजनों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है।शहीद के पिता ने पूछा कि क्या यह वहीं सरकार है जो सिर के बदले सिर की बात कहती थी? हमले में शामिल चारों आतंकी जवाबी कार्रवाई में मारे गए। हमले में 20 सैनिक घायल भी हुए हैं। शहीदों के परिजन सरकार से आंतकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। 44 वर्षीय शहीद हवलदार अशोक कुमार सिंह के 78 वर्षीय पिता जगनारायण सिंह सरकार से काफी नाराज हैं। उनका मानना है कि केंद्र सरकार आतंकवाद से निपटने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रही है। जगनारायण कहते हैं, “ये वही सरकार है जो पांच भारतीय सैनिकों के सिर काटने के बदले 10 पाकिस्तानी सैनिकों का सिर काटने की बात करती थी।”
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27 वर्षीय लांस नायक चंद्रकांत गलांदे मध्य प्रदेश के सतारा के रहने वाले थे। चंद्रकांत के दो और भाई सेना में हैं। चंद्रकांत के पिता शंकर गलांदे कहते हैं कि जब वो आतंकी हमलों में नौजवानों सैनिकों के मारे जाने की खबर सुनते थे तो अपने बेटों को वापस बुला लेन के बारे में सोचते थे। शंकर कहते हैं, “मुझे हमेशा लगता था कि मैं अपने तीनों बेटों को वापस बुला लूं। लेकिन उसके बाद मैं लोगों को क्या जवाब दूंगा, कि मैं भी इसी धरती का रहने वाला हूं। लेकिन क्या अपने दो बेटों को सुरक्षित देखने की अभिलाषा रखना गलत है? क्या सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि हमारे बेटे इस तरह न मारे जाएं?”
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