बैंको की गुंडागर्दी: आम जनता को कर रहे परेशान और मंत्रियों के लिए रात को भी कर रहे हैं काम

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बैंको

प्रधानमंत्री द्वार 500 और हजार के नोट बंद के ऐलान के बाद से ही देश भर में अफरा तफरी का महौल है। लोग दिन भर बैंको और एटीएम के आगे घंटो घंटो कतारों में लगने के लिए मजबूर है। आम जनता को इतनी परेशानियों उठानी पड़ रही है। इस सब के बीच ऐसे भी लोग है जिन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता है। मामला यूपी के संभल का है, जहां एक मंत्री के लिए रात में बैंक के दरवाजे खुल गए। समाजवादी पार्टी से जुड़े प्रदेश के कैबिनेट मंत्री इकबाल महमूद अपने बेटों और समर्थकों के साथ बुधवार देर शाम साढ़े सात बजे एचडीएफसी बैंक पहुंचे तो उनके लिए बैंक के दरवाजे खुल गए।

आज तक की खबर के मुताबिक, बेशक आम लोगों के लिए पहले ही बैंक बंद हो गया था। लेकिन इस दौरान मंत्री जी ने ना सिर्फ अपने नोट बदले बल्कि खाते से रुपये भी निकाले। नियम के हिसाब से बैंक में कामकाज आम जनता के लिए सुबह नौ बजे से शाम तीन बजे तक ही होता है लेकिन मंत्री जी शाम साढ़े सात बजे पहुंचे तब भी उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट के साथ सारी सेवा दी गई। इकबाल महमूद के साथ उनके तीन बेटे, समर्थक और स्टाफ के सदस्य भी थे। सभी ने आराम से बैंक में नोट बदले, खातों से नोट निकलवाए और बैंक संबधी अपने अन्य कामों को भी अंजाम दिया। मंत्री जी बैंक से बाहर निकले तो रात के सवा आठ बज चुके थे।

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बैंक की इसी ब्रांच में सुबह से बड़ी संख्या में लोग नोट बदलने और जमा करने के लिए कतार में लगे धक्के खा रहे थे। साढ़े तीन बजे बैंक की ओर से लोगों को कैश नहीं होने की बात कह कर अगले दिन आने के लिए कहा गया। जिसके बाद कतारों मे सुबह से उम्मीद लिए लोग मायूस होकर वापस लौट गये। इसी बीच चार बजे के आसपास ब्रांच में नई करेंसी आ गई। देखते ही देखते इसकी जानकारी खास लोगों तक भी पहुंच गई।

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इस बारे में जब ब्रांच मैनेजर मोहम्मद जावेद खान से पूछा गया, तो उन्होंने ऐसा कुछ किए जाने से साफ इनकार कर दिया। ब्रांच मैनेजर ने कहा कि बैंक का समय सुबह 9:30 बजे से दोपहर बाद 3:30 बजे तक का ग्राहकों के लेनदेन के लिए है। बुधवार को दिन में कैश नहीं था, शाम को 4 बजे कैश आया तो बैंक का टाइम खत्म होने के बाद भी कैश बदल कर दे दिया गया। जब ब्रांच मैनेजर से पूछा गया कि सिर्फ मंत्री और उनके साथ आए लोगों का ही काम क्यों किया गया, आम जनता का क्यों नहीं तो इसका कोई जवाब नहीं मिला।

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जब इस बारे में मंत्री इकबाल महमूद से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मेरे पास पैसे नहीं थे तो पैसे लेने के लिए बैंक गया था। मेरे दोनों बेटे भी मेरे साथ थे। मैं जब बैंक पहुंचा, तो बैंक खुला था और वहां कर्मचारी मौजूद थे।’ मंत्री ने ये दावा भी किया कि उन्होंने आम लोगों की तरह ही अपने पैसे बदले।

इसा के साथ इकबाल महमूद ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसला को जनता विरोधी बताया। इकबाल महमूद ने कहा, ‘जनता इस फैसले से परेशान है। आम आदमी मर रहा है। हर तरफ अफरा-तफरी है। हमने खुद लाइन में लगकर पैसे निकाले हैं। अगर कोई इससे खुश हो सकता है तो वो प्रधानमंत्री ही हो सकते हैं।’