समुद्र में भारत की ताकत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन से मुकाबला करने की और बढ़ गई है। ‘कवच’प्रणाली से लैस देश के पहले जंगी विध्वंसक युद्धपोत ‘आईएनएस चेन्नई’ के नौसेना में शामिल होने की तैयारी पूरी हो गई है। 21 नवंबर को ये युद्धपोत देश को समर्पित हो जाएगा।
वाइस एडमिरल (पश्चिमी नौसेना कमान) गिरीश लूथरा ने बताया कि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर सोमवार यानी 21 नवंबर को 60 फीसदी स्वदेशी बनावट के इस युद्धपोत को देश को समर्पित करेंगे। उन्होंने बताया कि कोलकाता श्रेणी (परियोजना-15-ए) के तहत बनने वाले तीन जंगी में यह आखिरी है। इससे पहले कोलकाता श्रेणी का आईएनएस कोलकाता और आईएनएस कोच्चि जंगी जहाज पहले ही नौसेना में शामिल हो चुका है। इन तीनों युद्धपोतों की संयुक्त लागत करीब 11,500 करोड़ रुपए के आसपास रही है। इसके बाद अब परियोजना 15 ब्राओ के तहत दो और जंगी जहाजों का निर्माण होगा।
चलिए जानते हैं इस युद्धपोत की खूबियां
- निर्माण 2006 में शुरू हुआ और 2010 में जलावतरण किया गया।
- मुंबई के माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में बनाया गया है।
- डिजाइनिंग, नौसैनिक डिजाइन निदेशालय ने की है।
- लंबाई करीब 164 मी. भार ले जाने की क्षमता 7500 टन है।
- यह सुपरसोनिक सतह से सतह तक लक्ष्य को भेदने वाले ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल से लैस है।
- समुद्र में रफ्तार 30 नॉट्स यानी 60 किमी प्रतिघंटा है।
- यह ‘कवच’ चैफ डिकोय प्रणाली से लैस देश का पहला जंगी जहाज है। जो दुश्मन देश की मिसाइल को बीच में भ्रमित कर दूसरी ओर मोड़ सकता है।
- दुश्मन के राडार को चकमा देने के साथ दो हेलिकाप्टर ढो सकता है।
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