स्कॉर्पियन पनडुब्बी से जुडे प्रोजेक्ट का डाटा लीक होने की रिपोर्ट के बाद भारतीय नौसेना ने शुरुआती जांच पूरी कर ली है। नेवी ने साफ कर दिया है कि मुंबई में बन रहीं स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की खुफिया जानकारी भारत से लीक नहीं हुई है। नेवी ने 24 घंटों में ही यह जांच पूरी कर ली है। भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा, ”हमने स्कॉर्पियन दस्तावेज लीक मामले में फ्रांस के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ आर्मामेंट से संपर्क किया था।
हमने फ्रेंच सरकार से इस घटना की तत्काल जांच करने और नतीजों को भारत से बांटने की गुजारिश की है। इससे हमारी सुरक्षा को कोई खतरा न हो, इसके लिए एक आंतरिक जांच भी की जा रही है। सरकार ने छह स्कॉर्पियन पनडुब्बियों का डिजाइन तैयार करने वाली फ्रांस की जहाज बनाने वाली कंपनी DCNS ने लीक पर एक रिपोर्ट मांगी है। इस कंपनी से 3.5 बिलियन डॉलर में यह करार किया गया था।
भारतीय नौसेना फ्रेंच कंपनी के साथ मिलकर छह अत्याधुनिक पनडुब्बियों का निर्माण मुंबई में कर रही है। इन्हीं पनडुब्बियों की क्षमता से जुड़े टॉप सीक्रेट डाटा के 22,000 से भी ज्यादा पन्ने लीक हो गए हैं। इससे सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। मजगांव डॉक पर बन रहीं इन पनडुब्बियों की लड़ाकू क्षमता के बारे में द ऑस्ट्रेलियन अखबार ने एक रिपोर्ट प्रकाशित कर कहा था कि यह डाटा लीक हो गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने नेवी चीफ एडमिरल सुनील लाम्बा को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। उन्होंने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”मुझे लगता है कि यह हैकिंग का मामला है। तो हम इसका पता लगा लेंगे।”