नोटबंदी के बाद हर किसी का काम ठप पड़ा हुआ है। देश में मोबाइल हैंडसेट्स की बिक्री में भी जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है। मोबाइल कंपनियों को रेवेन्यू में 50 पर्सेंट की गिरावट का सामना करना पड़ा है। इस समस्या से निपटने के लिए मोबाइल हैंडसेट मेकर्स ने सरकार से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर बिक्री करने की अनुमति मांगी है। नोटबंदी के बाद सेल में आई गिरावट के चलते मोबाइल कंपनियों को 175 से 200 करोड़ रुपये तक की चपत लगी है।
फाइनैंस, टेलिकॉम और आईटी मिनिस्ट्री को भेजे प्रस्ताव में कंपनियों ने सुझाव दिया है कि यह बिक्री वैध आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड पर ही की जानी चाहिए। इसके अलावा बेचे गए हर फोन को आईएमईआई (इंटरनैशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) नंबर के जरिए ट्रेस किया जा सकेगा ताकि इनका दुरुपयोग न हो सके। वित्त मंत्री अरुण जेटली को भेजे पत्र में इंडियन सेल्युलर असोसिएशन ने लिखा, ‘इस छूट के चलते देश में स्मार्टफोन्स की सेल बढ़ेगी, जिससे डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म को मजबूती मिलेगी। इससे कैश ट्रांजैक्शंस के दबाव में कमी आ सकेगी।
































































