पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आज भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा कि बीजेपी के सांसदों और विधायकों को अपने बैंक खाते से लेन देन का नोटबंदी की अवधि के बाद का ही ब्योरा क्यों सौंपना चाहिए।
यह राजग के सत्ता में आने के बाद से क्यों नहीं होना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया कि आठ नवंबर से ही खाते का ब्योरा क्यों होना चाहिए, केवल तीन हफ्ते। क्यों नहीं सारे ब्योरे ढाई साल के हो। आपके 21 दिनों की नोट बंदी के बाद पूरा देश घरबंदी हो गया है, इसलिए यह तमाशा क्यों। ममता ने कहा कि मोदी पहले अपने बैंक खाते की जानकारी क्यों नहीं सार्वजनिक करते। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आज लखनऊ में एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने नोटबंदी को वापस लेने की मांग की। वह कल पटना में एक रैली को संबोधित करेंगी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हम लोगों के इस आंदोलन को कल दोपहर एक बजे पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल ले जा रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि सबके रुपए छीन के बोलते हैं हमारे पास बहुत रुपए हो गए। मोदी जी जबरदस्ती कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होने कहा कि बिग बाजार में छुट्टा मिलेगा लेकिन कारपोरेटिव बैंक में गरीब और खेती के लिए नहीं मिलेगा। नोटबंदी को बड़ा घोटाला और ‘ब्लैक इमरजेंसी’ करार देते हुए ममता ने इसके खिलाफ अभियान को जनान्दोलन बनाने का आह्वान किया और कहा कि यह आजादी की लड़ाई है और हमें इसे छोड़ना नहीं चाहिये। मोदी के कारण देश की आजादी को खतरा है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान एक व्यक्ति की मर्जी से नहीं बल्कि जनता की मर्जी से चलता है। मोदी को यह याद रखना होगा।
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