गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सरकार की ओर से प्रस्तावित 6000 रुपए का मातृत्व लाभ सिर्फ एक बच्चे के लिए होगा। इस संबंध में जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है, जोकि फंड की कमी के चलते लिए जा रहा है। अभी तक मातृत्व लाभ दो बच्चों के लिए मिलता था।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सरकार का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मातृत्व लाभ को एक बच्चे तक समेटने की तैयारी में है। इसके साथ ही अबतक केंद्र सरकार इस स्कीम का 60 प्रतिशत फंड देती थी, उसे घटाकर 50 प्रतिशत किया जा सकता है।
यूपीए-2 में आई थी योजना
इससे पहले नए साल के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि गर्भवती महिलाओं को मातृत्व लाभ के अंतर्गत 6000 रुपये दिए जाएंगे। पीएम ने कहा था कि योजना को पूरे देश में पहुंचाया जाएगा। इस योजना को यूपीए सरकार ने अपने दूसरे शासनकाल में शुरू किया था। इस स्कीम का नाम इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना रखा गया था। तब इसको देश के 650 जिलों में से 53 जिलों में ही पायलेट योजना के तौर पर शुरू किया गया था।
14,512 करोड़ रुपये की जरूरत
2017-18 के लिए इस योजना के लिए सिर्फ 2,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो कि काफी कम हैं। इस रकम से 2.6 करोड़ बच्चों में से 90 लाख बच्चों को ही कवर किया जा सकता है। योजना के लिए सालाना 14,512 करोड़ रुपये की जरूरत है।