इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, पढ़िए क्यों ?

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नाइक ने लगाया NIA पर आरोप

विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक को बड़ा झटका लगा। मनी लॉन्ड्रिंग केस में उसके खिलाफ गुरुवार को गैर-जमानती वारंट जारी किया गया।  मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली यहां की एक विशेष अदालत ने धनशोधन के एक मामले में विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।

ईडी ने अदालत को दी अर्जी में आरोप लगाया है कि 4 बार समन भेजने के बाद भी डॉ ज़ाकिर नाईक बयान के लिए हाजिर नहीं हुए।

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ईडी की जानकारी के मुताबिक ज़ाकिर नाईक यूएई में कहीं हैं और यूएई के साथ भारत की प्रत्यार्पण संधि है, इसलिए गैर जमानती वारंट के जरिए जाकिर नाईक को भारत लाने में मदद मिलेगी और जांच आगे बढ़ पाएगी। ज़ाकिर नाईक के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच की जा रही है। ईडी ने कहा कि नाइक से धनशोधन के सिलसिले में पूछताछ करने की जरूरत है।

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एजेंसी ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम: अधिनियम के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी की शिकायत का संज्ञान करते हुए नाइक और अन्य के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।

ईडी मामले में आरोपी द्वारा शोधित कथित धनराशि के आरोपों और इस तरह पैदा हुई आपराधिक आय की जांच कर रही है। डॉ ज़ाकिर नाईक के वकील ने अदालत को बताया कि ईडी ने डॉ. ज़ाकिर के खिलाफ अभी तक कोई मामला दर्ज नही है। वे आरोपी भी नही हैं इसलिए अदालत गैर जमानती वारंट जारी नही कर सकती। लेकिन अदालत ने उनकी दलील खारिज कर दी।

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बता दें कि ईडी ने पिछले महीने नाईक के आईआरएफ की 18.37 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली थी। यह कार्रवाई जाकिर के खिलाफ दर्ज किए गए 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत की गई थी।