कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की मौत के मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में FIR दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में लखनऊ पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आज (22 मई) को अनुराग तिवारी का परिवार सीएम योगी आदित्य नाथ से मिला और पूरी घटना की जानकारी दी। अनुराग तिवारी के परिवार वालों की मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच की जाए। इस सीएम ने आश्वासन दिया कि यूपी पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगी और सीबीआई जांच की उनकी मांगों पर भी विचार किया जाएगा। डीजीपी मलखान सिंह ने कहा है कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की सिफारिश सरकार की तरफ से की जाएगी। सीएम से मिलने पहुंचे आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी के भाई ने कहा कि उनके भाई की सामान्य मौत नहीं हुई है बल्कि उनकी हत्या की गई है। अनुराग के भाई ने कहा कि उसके मोबाइल का लॉक तोड़ा गया है और इस मामले की जांच होनी चाहिए।
बता दें कि अनुराग तिवारी कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी थे. अनुराग के परिवार वालों का कहना है कि वे किसी घोटाले की जांच कर रहे थे और जल्द ही उसका पर्दाफाश करने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही वे हजरतगंज स्थित मीराबाई सरकारी गेस्ट हाउस में उनकी लाश मिली थी। इस बीच इस मामले से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज आने से सनसनी मच गई है। 16 मई के इस वीडियो में अनुराग तिवारी लखनऊ के आर्यन रेस्तरां में लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन प्रभु नारायाण सिंह के साथ दिख रहे हैं। गेस्ट हाउस में भी अनुराग तिवारी इन्ही के साथ ठहरे हुए थे। वीडियो फुटेज के मुताबिक रात को 10 बजकर 10 मिनट पर दोनों डिनर कर बाहर निकले। इस वीडियो में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे संदेहास्पद कहा जा सके। 17 मई को अनुराग तिवारी की मौत की खबर मीडिया में आई थी।अनुराग तिवारी के भाई मयंक तिवारी जांच से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस केस में कुछ खास प्रगति नहीं होती है तो वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।