कोबरापोस्ट एक्सक्लूसिव: निलंबित दलित जज का आरोप हाई कोर्ट जज ने की जातिगत टिप्पणी और मारपीट

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आंध्र प्रदेश के कट्टापा जिले में तैनात रहे जूनियर सिविल जज एस. रामाकृष्ण ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के जज सी. वी. नागार्जुन रेड्डी पर जातिगत टिप्पणी और मारपीट का आरोप लगाया है। जूनियर सिविल जज एस. रामाकृष्ण के मुताबिक हाई कोर्ट जज सी. वी. नागार्जुन रेड्डी ने हत्या के आरोप में फंसे अपने भाई पवन कुमार रेड्डी को आरोपमुक्त करने के लिए दबाव बनाया और बात न मानने पर अपने घर बुलाकर जस्टिस सी. वी. नागार्जुन रेड्डी ने उनके साथ मारपीट की और जातिगत अपशब्द भी कहे। अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायत जूनियर सिविल जज एस. रामाकृष्ण ने पुलिस और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट दोनों से की लेकिन इनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। जूनियर सिविल जज एस रामाकृष्ण का आरोप है कि उल्टे अपने रसूख का इस्तेमाल कर आंध्र प्रदेश हाइ कोर्ट के जज सी. वी. नागार्जुन रेड्डी ने रामाकृष्ण का न सिर्फ ट्रान्सफर करा दिया बल्कि एक फर्जी केस में सस्पैंड भी करा दिया। आंध्र प्रदेश के कट्टापा जिले में तैनात रहे जूनियर सिविल जज एस. रामाकृष्ण के साथ हुए इस पूरे घटनाक्रम को जानने के लिए देखिए ये विडियो जिसमें जूनियर सिविल जज एस. रामाकृष्ण ने अपने दर्द को बयां किया है।

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वहीं इस इस केस को करीब से जानने वाली और दलित राइट्स के लिए काम करने वाली संस्था नेशनल कैम्पैन फॉर दलित राइट्स के महासचिव पॉल दिवाकर का कहना है कि न्याय पालिका पर लोगों का भरोसा बना रहे इसके लिए न्यायपालिका को सही कदम उठाने की जरूरत है और ऐसा करने के लिए ये सबसे सही वक्त है।

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