रियो अलोंपिक में उद्घाटन सत्र से पहले तीरंदाजी स्पर्धा के क्वालीफिकेशन राउंड में भारतीय महिला टीम का प्रदर्शन ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहा है। भारत की महिला तीरंदाजी में शामिल दुनिया की पूर्व नंबर 1 खिलाड़ी दीपिका कुमारी, अनुभवी बोम्बेला देवी और लक्ष्मी रानी माझी के प्रदर्शन ने निराश किया है। व्यक्तिगत रैकिंग राउंड में दीपिका कुमारी ने 20वें स्थान पर, बोम्बेला देवी 24 वें और लक्ष्मी रानी 43वें स्थान पर रही हैं।
भारतीय महिला टीम के इस प्रदर्शन को बहुत अच्छी शुरुआत नहीं कहा जा सकता है। दीपिका कुमारी के पदक जीतने की उम्मीदों को धक्का लगा है। दीपिका टॉप 10 में जगह नहीं बना पाई है। 7 अगस्त को तीरंदाजी की व्यक्तिगत स्पर्धा होनी हैं वहीं 8 अगस्त की टीम इवेंट होगा। भारतीय महिला तीरंदाजी टीम को इस प्रद्रशन के बाद सातवीं वरियता दी गई है वहीं कोरियन टीम को पहली वरियता मिली है। ओलंपिक में भारत का तीरंदाजी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2004 और 2006 के ओलंपिक में रहा है जब भारतीय महिला टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में सफल रही थी
इससे पहले रियो गए भारत एकमात्र पुरुष तीरंदाज अतनु दास ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए तीरंदाजी स्पर्धा के क्वालीफिकेशन राउंड में पांचवां स्थान हासिल किया। पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहे दास 36 तीर के बाद 10वें स्थान पर चल रहे थे लेकिन बाकी बचे 36 तीर में कोलकाता के इस 24 वर्षीय खिलाड़ी ने जोरदार वापसी की। उन्होंने आखिरी 36 तीर में 23 परफेक्ट 10 बनाए और 720 में से 683 अंक जुटाकर पांचवें स्थान पर रहे। दास सिर्फ व्यक्तिगत वर्ग में शिरकत कर रहे हैं क्योंकि पुरुष टीम विश्व चैम्पियनशिप के जरिए क्वालीफाई करने में विफल रही। दो बार के विश्व चैम्पियन कोरिया के किम वू जिन 700 अंक के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए शीर्ष पर रहे। दास ने जून में अंताल्या में विश्व कप चरण तीन में वू जिन को काफी परेशान किया था जब व्यक्तिगत कांस्य पदक के मुकाबले में भारतीय तीरंदाज 4-0 से आगे चल रहा था लेकिन बाद में उन्हें 5-6 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।