मुंबई। 15वीं सदी के सूफी संत के मजार तक महिलाओं के जाने पर प्रतिबंध के मामले में हाई कोर्ट आज फैसला सुना सकता है। न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-धेरे की खंडपीठ ने प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर नौ जून को फैसला सुरक्षित रखा था। याचिका महिला अधिकार कार्यकर्ता नूरजहां नियाज, जकिया सोमन और एनजीओ भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 1865 से 2012 के बीच सूफी संत सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी के मजार तक महिलाओं को जाने की अनुमति थी। लेकिन बाद में रोक लगा दी गई। उन्होंने इसे लैंगिक भेदभाव और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को दरगाह ट्रस्टी से बातचीत कर शांतिपूर्ण तरीके से इसका हल निकालने की सलाह दी थी लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हुआ। दरगाह ट्रस्टी ने अपने रुख पर कायम रहते हुए कहा कि इसकी अनुमति देना इस्लाम विरोधी होगा।