पंजाब के अमृतसर में चल रहे हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में रविवार को भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर कूटनीतिक तौर पर घेरा। इस कोशिश में उसका साथ अफगानिस्तान ने भी दिया। दोनों देशों के प्रमुखों ने आतंकवाद के मुद्दे को गंभीर चुनौती बताते हुए इससे कड़ाई से निपटने का आह्वान किया। खास बात यह थी कि दोनों ने ही इशारों ही इशारों में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतसर में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर सभी देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद से लड़ाई में सबको एकजुट होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से अफगानिस्तान की शांति को खतरा है और पूरे क्षेत्र में शांति बहाली की कोशिश की जा रही है। पीएम ने कहा कि सीमापार से चल रहे आतंकवाद की पहचान करनी होगी और इससे मिलकर लड़ना जरूरी है।
नवभारत की खबर के मुताबिक पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, ‘हमें सीमा पार आतंकवाद की पहचान करने और आतंकवाद से लड़ने के लिए फंड की जरूरत है।’ गनी ने पाकिस्तान को सीधे नाम लेकर आड़े हाथों लिया। गनी ने पाक के पीएम के विदेशी मामलों के मुख्य सलाहकार सरताज अजीज के सामने उनका नाम लेकर यह बात कही। गनी ने कहा, ‘अफगानिस्तान के विकास के लिए पाकिस्तान ने 500 मिलियन डॉलर की रकम देने का वादा किया है। मिस्टर अजीज, यह रकम आतंकवाद से लड़ने में खर्च किया जा सकता है।’ जाहिर है, क्रॉस बॉर्डर टेररिजम को लेकर गनी का इशारा पाकिस्तान की ओर ही था। माना जा रहा है कि उन्होंने विकास के लिए पाकिस्तान से मिले पैसों को आतंकवाद से निपटने पर खर्च करने की बात कहकर पाक पर तंज कसा।
गनी ने कहा कि आतंकवाद हमारी प्रमुख चिंता है और हमें इससे लड़ने के लिए मदद चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान ने इस साल सबसे ज्यादा नुकसान सहा है। यह मंजूर नहीं है। कुछ लोग अब भी आतंकवादियों को शह दे रहे हैं। जैसा कि तालिबान की ओर से कहा गया था कि अगर उन्हें पाकिस्तान से शह नहीं मिलती तो एक महीने भी नहीं टिकते। गनी ने यह भी कहा, ‘मुझे दोषारोपण में नहीं पड़ना। मैं जवाब चाहता हूं।’