साउथ एशिया में पावर बैलेंस की बात भारत और चीन के साथ साथ पाकिस्तान भी कई वैश्विक पटल पर कहते रहे हैं। लेकिन सीमा विवाद के चलते कई मुद्दों में एकमत नहीं होते। यहां तक आतंकवाद के खात्मे पर भी एक साथ कदम उठाने में हिचकिचाहट है। पिछले कुछ समय से चीन की पाकिस्तान की लगातार गैरजरूरी तरफदारी ने भारत के लिए चिंता पैदा कर दी है।
भारत के विरोध में और इस क्षेत्र में भारत को उभरने न देने के चीन के लगातार बने रुख के चलते भारत अपने लिए कदम उठाने पर मजबूर हो रहा है। सामरिक दृष्टि से दबाव बनाने के लिए भारत भी चीन को चीन की भाषा में जवाब देने की कोशिश में है।
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने एक बयान में कहा कि वियतनाम करीबी दोस्त है और दोनों के रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं पिछले कुछ समय में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर वियतनाम की यात्रा कर चुके हैं और वहां के रक्षामंत्री भी भारत का दौरा कर चुके हैं। जब हाल ही रक्षामंत्री पर्रिकर से इस संबंध में सवाल किया गया था तब उन्होंने न तो इस प्रकार की खबरों से इनकार किया था न ही उन्होंने इसे स्वीकारा था।