हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टॉप मंत्रियों के साथ आतंकी हमले के बारे में चर्चा कर चुके हैं, लेकिन सीसीएस औपचारिक तौर से इस बारे में चर्चा की गई। सरकार के सूत्रों ने बताया कि आम तौर पर सुरक्षा से जुडे़ विषयों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में चर्चा नहीं होती है, लेकिन बुधवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में भी उड़ी हमले पर बातचीत हुई। इस बैठक में मोदी सरकार के सभी बड़े मंत्री शामिल हुए।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सरकार के शीर्ष स्तर पर इस बारे में एक तरह की राय है कि भारत को सोच समझकर, बहुस्तरीय और सामरिक प्रतिक्रिया देनी चाहिए और पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करना चाहिए। इस योजना के तहत डायरेक्टर जनरल मिलिटरी ऑपरेशन उड़ी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के बारे में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को जल्द ही सबूत सौंपेंगे।
गृह मंत्री ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात पर समीक्षा बैठक की थी। इस मीटिंग में एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव एस जयशंकर, गृह मंत्रालय के टॉप अफसरों के अलावा रक्षा मंत्रालय, अर्धसैनिक बलों और इंटेलिजेंस एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। उधर, मंगलवार को ही गृह सचिव राजीव महर्षि ने श्रीनगर पहुंचकर सिक्यॉरिटी रिव्यू मीटिंग की। उन्होंने सीएम महबूबा मुफ्ती और गवर्नर एनएन वोहरा से भी मुलाकात की।