बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती अपनी सभी रैलियों, प्रेसवार्ता में हमेशा पढ़ कर ही भाषण ही बोलती हैं. इस बात को लेकर कई बार सोशल मीडिया पर लोग मायावती को ट्रोल कर चुके हैं। अक्सर इस बात को लेकर उनका मजाक बनता रहा है कि क्यों मायावती अपने भाषण में अपनी भाषा का इस्तेमाल नहीं करती, आखिर क्या वजह है कि वो पूरा का पूरा भाषण कागज़ में से देखकर पढ़ती हैं। इस तरह के सवाल अब काफी आम हो गए थे। लेकिन शुक्रवार को अम्बेडकर जयंति के मौके पर मायावती ने इस बात का खुलासा कर ही दिया कि आखिर वो ऐसा क्यों करती हैं।
क्यों पढ़कर भाषण देती हैं मायावती ?
बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के मौके पर प्रेस वार्ता की। इस दौरान मायावती ने अपने भाषण देने के अंदाज को लेकर खुलासा किया। मायावती ने कहा कि उनके गले के ग्लैंड्स के ऑपरेशन के कारण वह पढ़कर और धीरे भाषण देती हैं। आपको बता दें कि मायावती के गले के ग्लैंड्स के कारण उन्हें तेज बोलने में काफी तकलीफ होती है। लिहाजा वो अपना पूरा भाषण पढ़कर और धीरे-धीरे बोलती हैं।
मायावती ने बताया- डॉक्टरों ने मुझे जोर से बोलने से मना किया है। इसलिए मैं लिखा हुआ भाषण पढ़ती हूं क्योंकि इसमें बोलने के क्रम में जोर नहीं लगाना पड़ता है। मैं मौखिक भाषण दूं तो जोर से बोलना पडता है लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा नहीं करने की सलाह दी है क्योंकि वर्ष 1996 में कुछ कमियों की वजह से मेरा एक ग्लैण्ड पूरी तरह से खराब हो गया था और डाक्टरों ने आपरेशन से उसे निकाला।
चुनाव में हुआ दुष्प्रचार
मायावती ने कहा कि चुनावों के दौरान हमारे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर सबसे ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने का आरोप लगाकर दुष्प्रचार किया गया। कहा गया था कि ऐसे तो उत्तर प्रदेश पाकिस्तान बन जाएगा और चुनाव में इसको लेकर प्रचार किया गया।
मायावती ने कहा कि जब हमारी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बनी थी, तब भी कई मुसलमान जीत कर आये थे लेकिन तब भी हमने यूपी को पाकिस्तान नहीं बनने नहीं दिया था। और मैं आश्वस्त करती हूं कि आगे भी मैं यूपी को पाकिस्तान नहीं बनने दूंगी।
भाई पर भी बोली बहनजी
मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी उपाध्यक्ष बनाने का ऐलान भी कार्यक्रम के दौरान किया। मायावती ने इस शर्त के साथ भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया कि वह हमेशा नि:स्वार्थ भाव से पार्टी के लिए कार्य करेंगे और कभी भी सांसद, विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।