यूपी बीजेपी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है। बीजेपी का कहना है कि राहुल ने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह को धार्मिक प्रतीकों से जड़ने की गलती की है।
पार्टी के मुताबिक राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की अनदेखी की जिसमें कहा गया था कि धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगा जाना चाहिए। लखनऊ में बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव अधिकारी टी वेंकटेश से मुलाकात की और राहुल गांधी के बयान को आधार मानकर कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की।
चुनाव आयोग को राहुल के भाषण की सीडी सौंपते हुए बीजेपी ने राहुल गांधी पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की कार्रवाई करने की भी मांग की है।
बीजेपी ने अपनी शिकायत में लिखा है ‘श्री राहुल गांधी ने 11 जनवरी 2017 को जनवेदना सम्मेलन में धार्मिक टिप्पणियां की थी और कांग्रेस के चिह्न हाथ को धार्मिक गुरू और देवता जैसे शिवजी, गुरु नानक, बुद्ध, महावीर और इस्लाम से जोड़ा गया था। यह जन प्रतिनिधि अधिनियम 1951, आचार संहिता और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के खिलाफ है।’ पार्टी ने शिकायत के साथ राहुल गांधी के भाषण की सीडी भी भेजी है। गांधी ने अपने भाषण में कहा था – मुझे कांग्रेस का हाथ, शिवजी, गुरुनानक, बुद्ध और महावीर की तस्वीरों में नज़र आता है। मैंने करण सिंह से पूछा था कि इसका क्या मतलब है? उन्होंने कहा डरो मत।’
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कहा था कि मुझे शिव जी, गुरू नानक, बुद्ध और महावीर की तस्वीरों में कांग्रेस का चिन्ह दिखाई देता है। राहुल गांधी ने इस दौरान ये भी कहा था कि बीजेपी लोगों डराने का काम करती है। लेकिन जब कांग्रेस का हाथ जनता के साथ है तो उन्हें डरने की ज़रूरत नहीं है।
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