यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव की ओर से शहीदों पर बयान विवाद खड़ा हो गया है। अखिलेश ने बुधवार को कथित तौर पर कहा, यूपी, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत हर जगह से शहीद हुए हैं। लेकिन गुजरात का कोई जवान शहीद हुआ हो तो बताओ।
भाजपा का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, वे शहीदों, वन्दे मातरम और राष्ट्रवाद के नाम पर राजनीति करते हैं। इसकी (राष्ट्रवाद) की परिभाषा क्या है, वे तो हमें हिन्दू भी नहीं मानते। सैनिकों के सिर काटे जा रहे हैं और सरकार क्या कर रही है।
अखिलेश की इस बयान पर चारों तरफ से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “जो संदेश वो देना चाहते हैं जनता उसे स्वीकार नहीं कर सकती। चुनाव में हार के कारण वे अभी सदमे में हैं।”
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने भी अखिलेश के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे लगता है कि अखिलेश जी का ये बयान यूपी चुनाव में हुई हार की कुंठा है, ये एक ओछी राजनीतिक सोच है।”
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अखिलेश यादव के बयान पर कहा कि चुनाव में हार के बाद उनकी मानसिक स्थिति ही बिगड़ गई है और वे राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। वहीं गठबंधन की साथी कांग्रेस ने भी अखिलेश के बयान से पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा कि अखिलेश यादव के बयान से कांग्रेस सहमत नहीं। जवान पूरे देश का होता है, उसको किसी राज्य से जोड़कर बयानबाजी करना सही नहीं।
योग गुरु रामदेव ने कहा कि गुजरात ने सरदार पटेल जैसे नेता दिए हैं, जिन्होंने राष्ट्र को एकजुट किया है। उन्होंने कहा, ‘किसी नेता को किसी राज्य या इसकी संस्कृति के बारे में ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।’
भाजपा ने कहा है कि गुजरात के लोकप्रिय नेतृत्व पर यह यादव की हताशा है जिसने उन्हें ऐसा बयान देने के लिए मजबूर किया। राज्य सरकार ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि शहीदों की शहादत को क्षेत्र, धर्म, जाति या वर्ग के संकीर्ण नजरिए से नहीं देखना चाहिए।
अखिलेश के इस बयान की सोशल मीडिया में भी आलोचना हो रही है। ट्विटर पर #AkhileshInsultsMartyrs का ट्रेंड चल रहा है जिसमें लोग अखिलेश यादव के बयान की निंदा कर रहे हैं।