ऐसे खुला मामला : झारखंड के मूल निवासी और दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में कार्यरत अधिवक्ता मदन मोहन का एकाउंट एसबीआइ की दिल्ली में तीस हजारी स्थित शाखा में है। 14 अक्टूबर को रांची में एटीएम से पैसा न निकलने पर उन्हें जानकारी मिली कि उनका कार्ड ब्लॉक कर दिया गया है। उन्होंने यह शिकायत एसबीआइ की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य और ग्राहक सेवा अधिकारी से की। इससे पहले उन्होंने दिल्ली के मुंडका स्थित यस बैंक के एटीएम का इस्तेमाल किया था।
प्रारंभिक जांच कर कंप्लेंट्स मैनेजमेंट डिपार्टमेंट- बेलापुर के चीफ मैनेजर एस. श्रीधर बाबू ने अधिवक्ता को ई-मेल के जरिये जानकारी दी कि सिर्फ उनका ही नहीं, बल्कि करीब छह लाख ग्राहकों के एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर धन निकासी, ई-कॉमर्स साइट और स्वाइप मशीनों के जरिये खरीददारी में इसका इस्तेमाल किया गया। इन सभी ग्राहकों के कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि एटीएम कार्ड का क्लोन कहां और किसने बनाया है। पूरी तरह ये आंकड़े भी उपलब्ध नहीं हैं कि कितनी रकम का चूना लगाया गया है। इस संबंध में यस बैंक का पक्ष लेने के लिए उनके अधिकारियों से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
चीन निर्मित मशीन बनी वजह : स्टेट बैंक के चीफ मैनेजर एस. श्रीधर बाबू ने शिकायत की जांच के बाद बताया कि यस बैंक के जिन एटीएम का इस्तेमाल ग्राहकों ने किया, उनका सॉफ्टवेयर चीन में तैयार हुआ है। यही नहीं, क्लोनिंग करने के बाद इन लाखों कार्डो का इस्तेमाल जिन स्वाइप मशीनों में किया गया, उनका भी सॉफ्टवेयर चीन में निर्मित है।’