अगर आपका बच्चा भी CBSE स्कूल में पढ़ता है तो ये खबर जरूर पढ़ें, हो रही है बड़े बदलाव की तैयारी

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

CBSE इस नए सर्कुलर से छथि कक्षा से ही दसवीं की परीक्षाओं के लिए तैयार करना चाहती हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधारना होगा। CBSE के चेयरमैन आरके चतुर्वेदी ने बताया कि हमारा मकसद एजुकेशन क्वालिटी सुधारना है। उन्होंने साफ किया कि नए सिस्टम में भी आठवीं तक कोई स्टूटेंट फेल नहीं किया जाएगा। हालांकि, 32 से कम मार्क्स हुए तो “ई” ग्रेड के साथ सुधार की जरूरत भी लिखी जाएगी।

नए सर्कुलर के हिसाब से 6th से 8th तक साल में 100-100 नम्बर के दो एग्जाम होंगे। टर्म-1 और टर्म- 2 ; टर्म-1 में 100 मार्क्स का होगी। 20 मार्क्स विद्यार्थी के व्यवहार और एजुकेशनल एक्टिविटीज के दिए जाएंगे तथा बाकी 80 मार्क्स लिखित एग्जाम के होंगे। 20 मार्क्स लिखित परीक्षा से पहले ही तय कर लिए जाएंगे। इनमें से 10 मार्क्स पीरियोडिक टेस्ट के रहेंगे। स्कूल की ओर से पीरियोडिक टेस्ट के एलान तक जितना सिलेबस कवर किया गया होगा, उसे उस टेस्ट में शामिल किया जाएगा। बाकी के 10 मार्क्स दो जगह बंटेंगे। 5 नोटबुक सबमिट करने के और 5 मार्क्स सब्जेक्ट्स के प्रति स्टूडेंट की समझ के लिए दिए जाएंगे। यह 20 मार्क्स बाद में 80 मार्क्स की एग्जाम के साथ जोड़े जाएंगे।

इसे भी पढ़िए :  सावधान: बाज़ार में आ गए हैं नकली नोट हैं, परखने के लिए ये ये 21 तरीके अपनाएं

टर्म-2 में 100 मार्क्स की ही रहेगी। इसमें भी 20 मार्क्स स्टूडेंट की एजुकेशनल एक्टिविटीज के और 80 लिखित एग्जाम के होंगे। 80 मार्क्स की लिखित एग्जाम में सिलेबस थोड़ा बदलेगा। छठी की एग्जाम में टर्म 2 का पूरा+टर्म 1 का 10% सिलेबस शामिल होगा। सातवीं के स्टूडेंट्स के लिए टर्म 2 का पूरा+टर्म 1 का 20% सिलेबस 80 मार्क्स वाली लिखित एग्जाम में शामिल किया जाएगा। आठवीं के स्टूडेंट्स की टर्म 2 का पूरा+टर्म 1 का 30% सिलेबस 80 मार्क्स की एग्जाम में शामिल रहेगा। ताकि पूरे सिलेबस पर पकड़ बने।

इसे भी पढ़िए :  बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बोले पीएम- रिश्तेदारों को टिकट के लिए ना बनाएं दबाव

मौजूद समय में असेसमेंट और एग्जाम का पैटर्न एक जैसा नहीं है। कोई 3 तो कोई 4 एग्जाम लेता है। सभी एग्जाम्स का एवरेज निकालकर सालाना रिजल्ट बनता है। रिपोर्ट कार्ड का पैटर्न भी अलग-अलग रहता है। अब रिपोर्ट कार्ड एक जैसा होने के बाद माइग्रेशन पर दूसरे राज्य में जाने वाले स्टूडेंट्स का दाखिला आसानी से हो जाएगा। रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन रहेगा। 2017-18 से 10वीं क्लास में ग्रेडिंग खत्म कर नंबर सिस्टम फिर से लागू किया जाएगा। पैटर्न बदलने का मकसद छठी से ही 10वीं के लिए तैयार करना है।

इसे भी पढ़िए :  पुलिसवालों ने समय पर काम पूरा नहीं किया तो देना पड़ सकता है जुर्माना
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse