उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने रविवार को कहा कि तमाम तबकों में विविधताओं के बीच आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए सहिष्णुता एक आवश्यक राष्ट्रीय गुण होना चाहिए। नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी के 25वें दीक्षांत समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा, “समानता को धरातल पर वास्तविक अर्थो में उतारने पर जोर देना और अपने सामूहिक आयामों के साथ धार्मिक स्वतंत्रता का फिर से संचार करना भी मुख्य चुनौतियों में है। और भारतीय समाज की धरातलीय सच्चाई में सहिष्णुता झलकनी चाहिए और इसे स्वीकार्य बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के नागरिक के अंदर राष्ट्रप्रेम होना चाहिए। अपने सभी विवधताओं में देश के प्रति प्रेम और स्नेह होना जरूरी है। बता दें कि हामिद अंसारी देश के 12वें उपराष्ट्रपति है, जो 11 अगस्त 2007 से इस पद पर देश सेवा कर रहे हैं। इस साल उनका कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है।