एशियाई विकास बैंक और ‘पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च’ की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि जलवायु परिवर्तन का एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के देशों पर भयावह प्रभाव पड़ने जा रहा है और दक्षिण भारत में 2030 के दशक में धान की पैदावार में पांच फीसदी की कमी आ सकती है।