पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य आरोपी साजिद अक्सर प्रोपेगैंडा विडियोज देखा करता था। पुलिसवालों के मुताबिक, मसूद अजहर की तकरीरों का उस पर बेहद गहरा असर पड़ा था। जब से मसूद अजहर ने भारत में मुसलमानों के खिलाफ कथित ज्यादती को लेकर जिहाद का ऐलान किया था, तभी से साजिद को लगने लगा था कि वह अपनी कौम का इकलौता उद्धारक है। साजिद ने अपनी जीमेल आईडी mohd***@gmail.com के जरिए सोशल नेटवर्किंग साइट पर अकाउंट बनाया ताकि जैश के टॉप कमांडर्स से संपर्क कर सके। वह अपनी प्रोफाइल पिक्चर के तौर पर मसूद अजहर की फोटो इस्तेमाल करता था।
जैश के टॉप कमांडर्स से संपर्क में आने के बाद साजिश को कुछ युवाओं की तलाश थी, जिनसे वह एक मॉड्यूल तैयार कर सके। टीम बनाने के बाद उन्हें मसूद अजहर के भाई तल्हा द्वारा ऑनलाइन ग्रुप के जरिए आईइडी बनाने की तालीम मिली। साजिद पूर्वी दिल्ली में ऐसे सुनसान पार्क या इलाके की तलाश में था, जहां वह अपने बनाए गए बम को टेस्ट कर सके। हालांकि, किसी तरीके से गलत वक्त पर इसमें विस्फोट हो गया, जिससे जैश के नेटवर्क का खुलासा हो गया।































































