पिछले तीन या साढ़े तीन साल से बैंकों और एटीएम से 19 लाख नकली नोट निकाले गए हैं। बेहद चौंकने वाले इस आंकड़े का RBI की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। चार साल में जारी हुए इन 19 लाख नकली नोटों की वैल्यू 14.97 करोड़ है। जबकि लोग सबसे ज़्यादा बैंकों पर ही भरोसा करते हैं।
नोटबंदी के आधार पर किए गए विश्लेषण के अनुसार पिछले सालों में देशभर में बैंकों से कई नकली नोट निकले, जिनमें 100 रुपये के 5.42 लाख पूराने नोट जिसकी कीमत 54.21 करोड़ रुपये, 500 रुपये के 8.56 लाख नोट जिनकी कीमत 42.8 करोड़ रुपये और 1000 के नकली नोट जिनकी कीमत 47 करोड़ है। यानि करीब 143 करोड़ के नकली नोट निकले।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार 2008 में एक एलआईसी एम्प्लोई ने कैनरा बैंक एटीएम से 5000 रूपए निकले जिनें 500 के 9 नोट नकली मिले। और जब वो टिकेट बुक कराने रेलवे स्टेशन पहुंचा तो उसे पता चला कि उसके नोट नकली थे।
नकली नोटों से बचने के लिए आरबीआई ने बैंकों को करेंसी चेक करने वाली मशीन रखने के निर्देश दिये हैं ताकि जब कोई बैंक में पैसे जमा करे तो पैसों को मशीन में चेक किया जा सके। और नकली नोटों से छुटकारा पाया जा सके। इतना ही नहीं बैंकों में काम करने वाले कर्मचारियों को इस बात की स्पेशल ट्रेनिंग दी जीता है कि वो असली और नकली नोट की पहचान कर सके।
TOI के मुताबिक बैंकों का कहना है कि उनके पास मैनपावर की कमी है जिसके कारण यह गलतियां हो रही हैं।