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तत्काल निकासी सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए वाधवा ने कहा कि हालात ऐसे ही रहे तो दूध, सब्जियों, फलों और दवाओं की आपूर्ति बाधित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ड्राइवर और पर्यटक बीच रास्ते में फंसे हुए हैं। उनके पास छोटे मूल्य के नोट नहीं है और कहीं से उन्हें मदद भी नहीं मिल रही है। वाधवा ने कहा कि नोटबंदी की वजह से ट्रांसपोर्टर संकट के दौर से गुजर रहे हैं। अब तक इस तरह का संकट देखने को नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि हालात नहीं सुधरे तो आयात-निर्यात पर भी इसका असर पड़ेगा।
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