
कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चुनाव अभियान तेज कर चुके हैं। राहुल की रैलियों में नोटबंदी एक अहम मुद्दे के तौर पर सामने आ रहा है। कांग्रेस अब इस विरोध को भारत भर में ले जाना चाहती है। इसके अलावा कांग्रेस 30 दिसंबर की तारीख को ध्यान में रखते हुए भी अपनी कार्यनीति तैयार कर रही है। मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी के कारण जनता को हो रही परेशानियों के मद्देनजर कहा था कि 30 दिसंबर के बाद हालात काफी हद तक सामान्य हो जाएंगे। PM मोदी ने देश से 50 दिन का समय मांगा था और कहा था कि इसके बाद स्थितियां ठीक हो जाएंगी। चूंकि 30 दिसंबर को यह समयसीमा खत्म होने जा रही है, ऐसे में कांग्रेस प्रधानमंत्री के इस आश्वासन पर भी सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है।
इसी बीच, कांग्रेस ने नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के बीच एकता कायम करने की अपनी कोशिशें एक बार फिर शुरू कर दी हैं। संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन किसानों का कर्ज माफ करने की अपील लेकर कांग्रेस का जो प्रतिनिधिमंडल मोदी से मिला था, उनमें राहुल गांधी भी शामिल थे। इसके बाद विपक्ष का विरोध अलग-थलग हो गया था। कांग्रेस एक बार फिर विपक्ष को इस मुद्दे पर एकजुट करने की कोशिश कर रही है।































































