सरकार को नहीं है ज़ाकिर की गिरफ़्तारी की जल्दी

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नई दिल्ली : सरकार जाकिर नाईक के भारत लौटने के बाद भी जांच पूरी होने तक उनके गिरफ्तारी के मूड में नहीं है। सोमवार को विवादित मुस्लिम धर्म प्रचारक के भारत लौटने की अटकलों के बीच जांच एजेंसियों ने साफ कर दिया है कि जाकिर के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिलने के बाद ही गिरफ्तार किया जाएगा। उसके भाषणों की वीडियो, देश-विदेश में उसके संदिग्ध कनेक्शन के साथ उसकी फंडिंग की जांच करने के लिए एनआइए और खुफिया एजेंसी आइबी की नौ टीमें बना दी गई हैं। नाईक के पीस टीवी का प्रसारण भारत में रोकने के लिए सरकार ने पहले पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। गृह मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जाकिर नाईक के भारत लौटते ही गिरफ्तारी की आशंका से इन्कार किया है। कहा कि जांच के बाद ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी। एनआइए और आइबी की टीमें जाकिर के भाषणों, उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के साथ ही उसे मिलने वाले देशी-विदेशी चंदे की जांच कर रही हैं। गृह मंत्रालय पहले ही इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को मिल रहे विदेशी चंदे की एफसीआरए कानून के तहत जांच कर रहा है। इसके लिए वित्त मंत्रलय की फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट को सक्रिय कर दिया गया है। ढाका हमले के आतंकी के जाकिर नाईक से प्रभावित होने की खबर आने के बाद ही सरकार हरकत में आ गई थी। शुक्रवार को सरकार ने नाईक के संगठन की वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया। जबकि सूचना प्रसारण मंत्रलय ने उसका उपदेश दिखाने वाले टीवी चैनल पीस टीवी को प्रसारित नहीं करने का केबल ऑपरेटरों को सख्त निर्देश जारी कर दिया। केबल आपरेटरों को चैनल का प्रसारण नहीं करने के निर्देश के साथ इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी जारी कर दी गई है।

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