ईपीएफओ ने प्रस्तावित किया नियम
पहले ईपीएफओ द्वारा नियुक्त समिति ने कम आय वर्ग के औपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए इस योजना का सुझाव दिया था, जो ईपीएफओ के अंशधारक हैं लेकिन अपने पूरे सेवा काल में मकान नहीं खरीद पाते। प्रस्तावित योजना के तहत सदस्य, बैंक-आवास एजेंसी और ईपीएफओ के बीच त्रिपक्षीय करार किया जाएगा जिससे ईएमआई भुगतान के लिए पीएफ योगदान को गिरवी रखा जा सके। इससे पहले मई में बजट सत्र के दौरान श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने लोकसभा में कहा था कि सरकार राज्य भविष्य निधि के सदस्यों के लिए सस्ती दरों पर घर मुहैया कराने की योजना बनाने की संभावनाएं तलाश रही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह बात कही थी।
पिछले साल 16 सितंबर को ईपीएफओ ट्रस्टीज की बैठक के एजेंडे में यह प्रस्ताव शामिल था। इससे सम्बंधित विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट भी ट्रस्टीज के सामने रखी गई थी। विशेषज्ञों की कमेटी ने एकमत होकर इस योजना की सिफारिश की थी। हालांकि पैनल का ये भी इशारा किया था कि ये योजना उन्हीं सदस्यों के लिए हो, जिनकी आय कम है और वे अपने पूरे सेवाकाल के दौरान भी घर खरीद पाने की स्थिति में नहीं होंगे।