नई दिल्ली।
आजकल कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां, अंडर गारमेंट्स और डियोड्रेंट्स के विज्ञापनों में अच्छी खासी अश्लीलता परोसी जा रही है। आलम ये है कि आप परिवार के साथ बैठकर टीवी देख रहे हों और ऐसा विज्ञापन आ जाए, तो आपको अच्छी खास शर्मिंदगी झेलनी पड़ जाती है। लेकिन अब ऐसे विज्ञापनों पर सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। केन्द्र सरकार ने गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट के कहने पर ये बात स्पष्ट की कि कंडोम के अश्लील विज्ञापन की शिकायत लेकर अब आप पुलिस के पास जा सकते हैं और कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कोर्ट के नोटिस के जवाब में दायर हलफनामे में कहा कि डीलक्स निरोध जैसे विज्ञापन की मार्केटिंग हैल्थ मिनिस्टरी की निगरानी में की जाती है जिससे उसमें अश्लीलता न हो।
सरकार ने माना कि मीडिया में विज्ञापनों को लेकर कोई लीगल रेग्युलेटरी मैकानिज़म नहीं है। जिन विज्ञापनों की प्री स्क्रीनिंग होती है उन्में सिगरेट, तंबाकू, एलकोहल आदि शामिल हैं। बाक़ी सभी विज्ञापन चाहे प्रिंट हो या टीवी वो वॉलेंट्री कोड ऑफ कंडक्ट यानि खुद से रेग्युलेशन के दायरे में हैं।
गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत में मद्रास हाइ कोर्ट के 2008 के उस ऑर्डर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें हिंदुस्तान लेटेक्स जैसी कंडोम बनाने वाली कंपनी को विज्ञापनों से उत्तेजक तस्वीरों को हटाने के लिए कहा गया था।