अधिकारी ने बताया, ‘मिसाइल के साथ ही इस प्रणाली में मिसाइल का पता लगाने, उसकी स्थिति पर नजर रखने और उसे दिशा देने के लिए मल्टी फंक्शन सर्विलांस और खतरा चेतावनी रडार (एमएफ स्टार) को भी शामिल किया गया है।’ उन्होंने साथ ही कहा कि एमएफ स्टार युक्त मिसाइल से उपयोगकर्ता किसी भी हवाई खतरे से निपटने में सक्षम हो पायेंगे। इससे पहले 30 जून से एक जुलाई के बीच रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के चांदीपुर बेस से सतह से हवा में मार करने वाले तीन मध्यम दूरी के मिसाइलों का लगातार परीक्षण किया गया था। भारतीय नेवा ने भी लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआर-एसएएम) का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण 30 दिसंबर 2015 को आईएनएस कोलकाता द्वारा किया गया था।
भारतीय नेवी ने भी सतह से हवा में मार करने वाले लंबी दूरी के मिसाइल (एलआर-एसएएम) का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण 30 दिसंबर, 2015 को आईएनएस कोलकाता ने पश्चिमी समुद्र तट पर किया। परीक्षण पूरा होने के बाद इन मिसाइलों को तीनों सेनाओं में शामिल किया जायेगा।
India successfully test surface missile































































