दोनों वकीलों के बीच कई मुद्दों पर सवाल-जवाब हुए। इस दौरान जेटली ने केजरीवाल के इस दावे को गलत बताया कि दिल्ली सीएम के कार्यालय पर दिसंबर 2015 में सीबीआई छापेमारी का उद्देश्य डीडीसीए में कथित अनियमितताओं से जुड़ी फाइलों को हटाना था। जेटली ने कहा कि उन्हें छापे के बारे में पहले से कुछ नहीं पता था और ना ही उन्हें छापे के तथ्यों के बारे में कोई जानकारी थी। वित्त मंत्री जेटली केजरीवाल और पांच AAP नेताओं राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी के खिलाफ सबूत पहले ही सौंप चुके हैं।
जेठमलानी ने जेटली से यह जानना चाहा कि क्या उन्होंने अदालत आने से पहले उन पर लगाए गए आरोपों का जवाब देने का कोई गंभीर प्रयास किया था? इस पर जेटली ने कहा, ‘मैंने मीडिया से बातचीत में आरोपों को गलत बताया था और संसद में भी जब यह मसला उठाया गया तो इसपर जवाब दिया था।’
जेठमलानी ने 10 करोड़ रुपये की मानहानि को लेकर भी सवाल खड़े किए और कहा कि मंत्री को इससे कोई आर्थिक नुकसान तो नहीं हुआ है। इसके जवाब में जेटली ने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा को जो नुकसान पहुंचा है, उसके आगे यह रकम बहुत छोटी है। बता दें कि DDCA में वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाने पर जेटली ने केजरीवाल और पांच AAP नेताओं पर दस करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया था। मुकदमे की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।































































