नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को देश के दो बड़े वकीलों के बीच बेहद दिलचस्प बहस देखने को मिली। कठघरे में थे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनसे सवाल कर रहे थे बीजेपी से निष्कासित नेता और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जेटली की ओर से दायर किए गए मानहानि के मुकदमे को लेकर दोनों के बीच काफी लंबी जिरह चली। केजरीवाल की पैरवी कर रहे जेठमलानी ने अपने अंदाज में जेटली से कई तीखे सवाल पूछे और उनकी ‘महानता’ पर सवाल खड़े किए।
खचाखच भरी अदालत में जेठमलानी ने जेटली पर 52 सवाल दागे। उन्होंने यह साबित करने का प्रयास किया कि जेटली द्वारा दायर यह मानहानि का मुकदमा महत्वहीन है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। हालांकि वरिष्ठ अधिवक्ता के 11 सवालों को संयुक्त रजिस्ट्रार ने इस आधार पर अनुमति नहीं दी कि कुछ रिकॉर्ड से जुड़े हैं और इस मामले में अप्रासंगिक हैं। अन्य विधि के प्रश्न हैं, तथ्य नहीं जबकि कुछ पर नियमित अदालत के सामने सुनवाई के दौरान दलीलें दी जा सकती हैं।
एक वक्त तो ऐसा आया कि जेठमलानी ने कोर्ट में डिक्शनरी निकाल ली और जेटली ने पूछा कि ‘गुडविल’ और ‘रेप्युटेशन’ में क्या फर्क होता है? हालांकि कोर्ट ने जेठमलानी को इसके आगे कुछ भी पूछने से रोक दिया। जिरह के दौरान जेठमलानी ने जेटली से कहा, ‘आप बताएं कि कैसे आपके सम्मान को पहुंची चोट की भरपाई नहीं हो सकती और यह नुकसान मापे जाने योग्य नहीं है।’ जेठमलानी ने आगे कहा, ‘क्या आपके सम्मान को पहुंची चोट का मामला, महानता के आपके निजी अहसास से तो नहीं जुड़ा है?’ जवाब में जेटली ने कहा, ‘मेरी नजर में मेरी प्रतिष्ठा मेरे दोस्तों, शुभचिंतकों और अन्य लोगों से जुड़ी हुई है। उन्होंने इस बारे में निजी तौर पर भी और मीडिया में भी अपनी राय जाहिर की है।’
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