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कई बार की सरकार की आलोचना
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनके इस शो से विवाद भी खड़ा हो सकता है क्योंकि वह बाबा नागार्जुन की कविताओं में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए की गयीं चुटीली टिप्पणियों की बात करेंगे। साथ ही दिनकर के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को आड़े हाथ लेने और तत्कालीन सरकार को ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ जैसी रचना से ललकारने के पहलू से भी दर्शकों को अवगत कराएंगे। बाजारवाद और साहित्य के एक दूसरे से विरोधाभासों के सवाल पर उन्होंने कहा कि साहित्य और बाजार अलग-अलग चीजें हैं लेकिन साहित्य का बाजार बनता है तो इसमें कोई खराबी नहीं है।
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