…तो कुर्सी जाने के डर से कार से अमरकंटक पहुंचे मोदी! पूरी खबर पढ़कर रह जाएंगे हैरान

0
कुर्सी
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

बड़े-बड़े नेता अपनी कुर्सी बचाने के लिए टोटके का सहारा लेते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस अंधविश्वास से बच नहीं पाए। दरअसल पीएम मोदी सोमवार को अमरकंटक में थे, यहां उन्होंने नदी नर्मदा के संरक्षण के लिए रोडमैप जारी किया, लेकिन पीएम मोदी यहां पर एक डर से नहीं रोक पाए। अमरकंटक को लेकर ऐसी मान्यता है कि कोई बड़ी शख्सियत हवाई मार्ग से अमरकंटक पहुंचता है तो उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- 8 किलोमीटर दूर एक गांव में उनका हेलीकॉप्टर उतारा गया। पीएम मोदी वहां से कार के द्वारा अमरकंटक पहुंचे।

इसे भी पढ़िए :  पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री होंगे यूएन के नए महासचिव, बान की मून की विदाई

सत्ता गंवाने से जुड़ा क्या है मिथक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि जिस राजनेता ने भी नर्मदा नदी को लांघा है, उसे अपनी सत्ता गंवानी पड़ी है। भारतीय राजनीति के इतिहास पर नजर डालें तो सत्ता गंवाने वालों में तात्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा, उमा भारती, सुंदरलाल पटवा, श्यामाचरण शुक्ल, केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत ने नर्मदा नदी को लांघा था, जिसके बाद उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी थी। वहीं अमरकंटक के बारे में मिथक है कि नर्मदा के उद्गम स्थल के आठ किमी के दायरे में जो भी हेलीकॉप्टर से आया, उसने सत्ता गंवाई। इलाके में चर्चा है कि इसी मिथक के चलते पीएम मोदी के लिए डिंडोरी जिले में अमरकंटक से आठ किमी की दूरी पर हेलीपेड बनाया गया है। बाकी की यात्रा उन्होंने कार से की।

इसे भी पढ़िए :  बीजेपी की 120 कमजोर कड़ी जो 2019 में पड़ सकता है भारी, पार्टी ने शुरू की तैयारी

अगले पेज वे 5 राजनेता, जिन्होंने गंवाई कुर्सी

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse