नीरजा को भारत सरकार ने इस अदभुत वीरता और साहस के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया जो भारत का सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है।अपनी वीरगति के समय नीरजा भनोट की उम्र 23 साल थी। इस प्रकार वे यह पदक को प्राप्त करने वाली पहली महिला और सबसे कम आयु की नागरिक भी बनी। पाकिस्तान सरकार की ओर से उन्हें तमगा-ए-इन्सानियत से नवाज़ा गया।