नई दिल्ली। आतंकवादी लॉंच पैडों को ध्वस्त करने के लिए पीओके में किए गए लक्षित हमले (सर्जिकल स्ट्राइक) के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे क्षेत्रों में तनाव के बीच जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के पास से करीब 10,000 ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले के मद्देनजर अधिकारियों ने गुरुवार को सीमावर्ती क्षेत्रों के बाशिंदों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा था।
जम्मू के उपायुक्त सिमरनदीप सिंह ने कहा कि ‘‘आज(शुक्रवार) करीब 10,000 लोग सीमावर्ती गांवों से सुरक्षित स्थानों पर चले गए।’’ उन्होंने बताया कि उनमें 600 लोग सरकार द्वारा लगाए गए शिविरों में आ गए हैं।
सीमा से छह से सात किलोमीटर के दायरे में रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा गया है तथा दस किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाले विद्यालय बंद कर दिए गए हैं।
अधिकारियों के अनुसार जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा राजौरी एवं पुंछ में नियंत्रण रेखा के आसपास रहने वाले लोगों को ये निर्देश दिए गए हैं। उनमें से ज्यादातर लोग सुरक्षित स्थानों पर अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।
सीमावर्ती क्षेत्र के अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सेना ने राजौरी के नौशेरा बेल्ट में सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले कुछ लोगों को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा संभावित बदले की कार्रवाई की आशंका से खाली कराया गया है।